दिवाली का महत्व पौराणिक कथाओं में है, जिसमें भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के बाद उनके साथियों ने अयोध्या को दीपों से सजाकर उनका स्वागत किया था।
पौराणिक महत्व:
दिवाली के पहले दिन को धनतेरस कहा जाता है, जो माता लक्ष्मी की पूजा का आयोजन है और लोग नए साल में धन की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
धनतेरस का महत्व:
दिवाली पर घरों को सजाने के लिए रंगोली बनाई जाती है और घर के चारों ओर दीपों की रौशनी से सजीव होती है।
रंगोली और दीपावली की सजावट
दिवाली के दिन लोग नए कपड़े खरीदने, सुंदर आभूषण पहनने, और स्वादिष्ट खाना बनाने के लिए तैयार होते हैं।
शॉपिंग और खानपान:
दिवाली पर बच्चों को खुश करने के लिए मिठाईयों की खास पैकिंग बनती है और लोग दोस्तों और परिवार के साथ आतिथ्य का आनंद लेते हैं।
बच्चों के लिए मिठाई और आतिथ्य:
दिवाली पर कोमली और पटाखों का उपयोग किया जाता है, जिससे रंगीन आकाश बनता है और लोगों को खुशी मिलती है।
कोमली और पटाखों का उपयोग:
व्यापारी दृष्टिकोण से भी यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है, क्योंकि इस समय लोग विभिन्न चीजें खरीदने के लिए उत्सुक होते हैं, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होती है।